इस बार पीडब्ल्यूडी को मिलेंगेे पांच हजार करोड़, पिछले बजट में विभाग को मिली थी आठ फीसदी हिस्सेदारी
पिछले बजट में विभाग को मिली थी आठ फीसदी हिस्सेदारी, केंद्र सरकार से भी मिलनी है मदद
हिमाचल सरकार के कुल बजट में करीब आठ फीसदी हिस्सेदारी वाले लोक निर्माण विभाग के खाते में क्या आएगा, इसका खुलासा भले ही 17 मार्च को होगा, लेकिन आगामी वित्तीय वर्ष का आकलन और संभावनाओं की तलाश अभी से शुरू हो गई है।
लोक निर्माण विभाग मौजूदा बजट की तर्ज पर आठ फीसदी हिस्से पर भी रहा तो यह आंकड़ा पांच हजार करोड़ को छू जाएगा। ऐसे में आगामी वित्तीय वर्ष में लोक निर्माण विभाग को एक बार फिर पुरानी हिस्सेदारी के बरकरार रहने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का यह पहला बजट है। पिछली सरकार के बजट की बात करें तो कुल 51 हजार 365 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया गया था। इसमें लोक निर्माण विभाग को करीब आठ फीसदी हिस्सेदारी के साथ 4373 करोड़ रुपए मिले थे। इस रकम के एवज में लोक निर्माण विभाग को प्रदेश में पक्की सडक़ों की लंबाई को चार हजार किलोमीटर पहुंचाने का टारगेट दिया गया था। इसके लिए लोक निर्माण विभाग को एक साल में दो हजार किलोमीटर सडक़ें पक्की करनी थी।
इसके अलावा 1060 किलोमीटर वाहन योग्य नई सडक़ों का निर्माण, एक हजार किलोमीटर सडक़ों पर ड्रेनेज सिस्टम के साथ ही 20 पंचायतों, 80 गांवों और 22 अन्य आबादियों तक सडक़ पहुंचाने का भी जिम्मा विभाग को मिला था।हिमाचल सरकार के साथ ही लोक निर्माण विभाग का ध्यान केंद्रीय बजट पर भी केंद्रित रहेगा।
केंद्र सरकार अपना बजट पारित कर चुकी है और इसमें पीएमजीएसवाई के बजट में 36 फीसदी का इजाफा किया गया है। पीएमजीएसवाई का देश भर के लिए बजट 19 हजार करोड़ तय किया गया है।
पिछले वित्तीय वर्ष में यह बजट 14 हजार करोड़ था। इसमें से हिमाचल को 422 करोड़ रुपए मिले हैं, जबकि आगामी वित्तीय वर्ष में लोक निर्माण विभाग एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की हिस्सेदारी पर नजर बनाए हुए हैं और इसके लिए लोक निर्माण विभाग दो हजार करोड़ से ज्यादा की डीपीआर प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेज रहा है।
फिलहाल केंद्र का बजट पारित हो चुका है और अब राज्य की बारी है। प्रदेश सरकार इस बजट में विभाग की हिस्सेदारी पिछले साल की तरह आठ फीसदी तक भी रहती है तो विभाग का यह बजट इस बार पांच हजार करोड़ को छू जाएगा। (एचडीएम)