नई पंचायतों में भवन बनाने को जमीन नहीं

 

 

कुल 412 नई पंचायतों में से अभी तक पांच के पास ही है अपना भवन

हिमाचल में वर्ष 2020 में नई 412 नई पंचायतों का गठन किया था। इन पंचायतों में से 100 से ज्यादा पंचायतें अभी तक ऐसी हैं, जिन्हें भवन निर्माण के लिए भूमि ही नहीं मिली है।

ऐसे में ये पंचायतें अन्य सरकारी भवनों में चलाई जा रही हैं। इनमें नव युवक मंडल का भवन, स्कूल का भवन या महिला मंडलों के भवन में पंचायतों का काम चल रहा है। पंचायती राज विभाग इन पंचायतों को जमीन मिलने के बाद भवन निर्माण के लिए राशि जारी करेगा*। जब तक जमीन का चिहिन्त नहीं हो जाती, तब तक पंचायती राज विभाग की ओर से उन्हें भवन निर्माण के लिए राशि जारी नहीं की जाएगी। विभाग के अनुसार प्रदेश में नवगठित 125 ग्राम पंचायतों से भूमि संबंधी राजस्व दस्तावेज़ प्राप्त न होने के फलस्वरूप इन ग्राम पंचायतों को निर्माण राशि जारी नहीं की जा सकी है।

गौतरलब है कि 412 में से सिर्फ पांच ही पंचायतों के पास अपना भवन है। 407 पंचायतों के पास अभी तक अपना भवन नहीं है। नई बनी 125 पंचायतों को अभी तक भवन निर्माण के लिए जमीन ही नहीं मिली है। पंचायतीराज विभाग ने कुल 287 पंचायतों को भवन निर्माण के लिए अनुदान राशि जारी है। इनमें से सात पंचायतों के भवन निर्माण का काम पूरा हो चुका है, बाकी 282 पंचायतों में भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक पंचायत भवन के निर्माण और उसमें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कम से कम 25 लाख रुपए तक की राशि खर्च होगी। प्रदेश में कुल 3615 पंचायतों में से 3231 में पंचायत घर बने हुए हैं। नई बनी 407 पंचायत में पंचायत घर उपलब्ध नहीं है।

स्टाफ की कमी से भी दिक्कतों की भरमार

हिमाचल की नई पंचायतों के पास अपना भवन न होने के कारण जहां दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं, तो वहीं ज्यादातर पंचायतों मेंं स्टाफ की कमी के कारण भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि कई न तो पंचायत सचिव न ही अन्य स्टाफ है। डेपुटेशन के सहारे इन पंचायतों में काम चलाया जा रहा है। प्रदेश के लोगों ने सरकार से मांग उठाई है कि पंचायतों में जल्द से जल्द स्टाफ की कमी को पूरा किया जाए।

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