पांवटा साहिब महाविद्यालय में भूख हड़ताल पर बैठे प्राध्यापक संघ के पदाधिकारी व सदस्य

हिमाचल प्रदेश के महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की सामूहिक भूख हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही। इस दौरान सातवां वेतनमान अतिशीघ्र लागू करने और अकारण बंद की एमफिल एवं पीएचडी की इंक्रीमेंट को फिर से शुरू करने की मांग को प्रमुखता से उठाया गया। हड़ताल के दौरान कॉलेज में शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित रहा।

बता दें कि 12 दिन से अपनी मांगों को लेकर प्राध्यापक संघ रोजाना गेट मीटिंग एवं एक घंटे का धरना कर रहे थे। कोई सुनवाई न होने पर चार जून से प्रदेशभर में सामूहिक भूख हड़ताल की गई, जो मंगलवार को भी जारी रही।

केंद्रीय हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राध्यापक संघ के आह्वान पर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी राजकीय महाविद्यालय पांवटा साहिब इकाई प्रधान डॉ. मोहन सिंह चौहान, महासचिव प्रो. रीना चौहान ने कहा कि सरकार उनकी मांगों के प्रति उदासीन रवैया अपना रही है।

प्राध्यापकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। 23 मई को भी महाविद्यालय प्राध्यापकों की ओर से एक दिवसीय भूख हड़ताल रखकर मांग रखी थी कि 2016 से लंबित यूजीसी स्केल अनुसार सातवां वेतनमान अतिशीघ्र लागू किया जाए। इसके अलावा अकारण बंद की एमफिल व पीएचडी की

इंक्रीमेंट फिर से शुरू की जाए। कॉलेज में नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता का लाभ दिया जाए।

कॉलेज में प्रोफेसर का पद सृजित किए जाएं। ये सभी मांगे यूजीसी के नियमों पर आधारित हैं। इस मौके पर सहसचिव प्रो. पूजा भट्टी, प्रो. उषा जोशी, प्रो. रविंद्र, प्रो. मनदीप सिंह गांधी, प्रो. नेहा मिश्रा, प्रो. किरण बाला, प्रो. दीपा चौहान, प्रो. नंदिनी समेत पांवटा इकाई ने प्राचार्या डॉ. वीना राठौर के माध्यम से प्रदेश की सरकार को ज्ञापन भी भेजा।

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