बिना परमिट देसी शराब से भरा ट्रक पलटा, हरकत में पुलिस प्रशासन।
नाहन से शिमला एनएच पर आईटीआई के समीप बिना परमिट देसी शराब से भरा एलपी ट्रक पलटा। घटना देर रात 2:30 बजे के आसपास की है। ट्रक के सड़क के बीचो-बीच पलट जाने के कारण सुबह करीब 9:00 बजे तक लंबा जाम भी लगा रहा।
एक्साइज विभाग और पुलिस के उस समय होश उड़ गए जब पता चला कि एलपी ट्रक में टेंपरेरी केबिन बना उसमें करीब 300 पेटी से ज्यादा देसी शराब छुपा कर रखी गई थी। इस दुर्घटना के बाद सैकड़ों शराब की बोतलें टूटकर सड़क पर बिखर गई। रात को ही जब विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो चालक गाड़ी छोड़कर फरार हो चुका था। पुलिस और होमगार्ड की टीम सड़क पर से कांच और शराब की बोतलों को गिनती के साथ हटाने में जुटी रही तो पुलिस के लिए सड़क को खोलना भी बड़ी जिम्मेवारी बनी।
अब यहां चौंका देने वाला विषय यह है कि यह सारी की सारी देसी शराब संतरा ब्रांड के नाम से काला अंब के मीरपुर जोकि तिलकपुर पंचायत में पड़ता है वहां की एमएस होलीनेस प्लास्टिक प्रोडक्ट फैक्ट्री में बनी हुई थी।
इस फैक्ट्री में संतरा नामक ब्रांड से देसी शराब बनाने का विभाग के द्वारा लाइसेंस जारी किया गया है। हैरानी तो इस बात की है कि बोतल के होलोग्राम के ऊपर रजिस्ट्रेशन नंबर तो है मगर मैन्युफैक्चरिंग डेट और बैच जिस जगह पर होना चाहिए वहां ना होकर कहीं और लगाया गया है। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते कल चंबा के लिए देसी शराब का परमिट कटा था।
मगर जिस गाड़ी के नाम पर परमिट काटा था उसका नंबर वह नहीं था जो गाड़ी शराब के साथ हाईवे पर पलट गई है। पलटी हुई गाड़ी का नंबर एचपी 52 -1877 है जबकि बीच की एबीसी सीरीज पूरी गायब है उस पर स्क्रैच किया गया है।जाहिर सी बात है की क्या दिन में छुपा कर ले जाई जा रही संतरा ब्रांड की शराब का यह पूरा का पूरा खेल संदेह के दायरे में था। अब यदि बात की जाए कि यदि यह माल फैक्ट्री से परमिट पर निकला था तो आधा माल नंबर दो की गाड़ी में क्यों पलटा गया।
इससे तो यह जाहिर होता है कि इस शराब की फैक्ट्री में ही कोई बड़ा खेल विभाग की आंखों में धूल झोंकते हुए चला हुआ है। गाड़ी रात को 2:30 बजे फैक्ट्री से मात्र 18 किलोमीटर दूर दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है। जबकि शाम को 5:00 बजे के बाद शराब फैक्ट्री में निर्माण पूरी तरह से बंद हो जाता है और इंस्पेक्टर छुट्टी कर जाता है। ऐसे में इंस्पेक्टर के द्वारा पास किया गया परमिट और गाड़ी दोनों दिन में ही दिखा दी गई होगी मगर बाद में इस्पेक्टर के जाते ही फैक्ट्री से ही नंबर दो की शराब बनाकर भेजी गई होगी। वही राज्य कर एवं आबकारी विभाग जिला सिरमौर के उप आयुक्त हिमांशु का कहना है कि बीते कल चंबा के लिए शराब का परमिट काटा गया था।
उपायुक्त ने खुद माना कि बिना परमिट के शराब वह भी गाड़ी में छुपा कर लाया जाना कहीं ना कहीं फैक्ट्री की गतिविधियों पर शक पैदा करता है। उधर डीएसपी हेडक्वार्टर मीनाक्षी शाह का कहना है कि जो एलपी ट्रक शिमला एनएच पर गिरा है वहां पर पुलिस और होमगार्ड के जवान तैनात कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना के चलते सड़क जाम हो गई है गाड़ी से गिरी शराब को हटाना और उसकी गिनती करने के बाद ट्रक को सड़क से हटाना भी बड़ी जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि एलपी ट्रक से बरामद हुई शराब असली है या नकली परमिट पर है या बिना परमिट के यह सब फिलहाल जांच का विषय है।