रोनहाट पहुंचने पर हाटी समुदाय के लोगों ने किया पूर्व विधायक बलदेव तोमर का जोरदार स्वागत
हाटी समुदाय को केंद्र सरकार से जनजातीय घोषित करने के बाद पहली बार शिलाई विधानसभा क्षेत्र में हाटी समुदाय द्वारा जगह जगह बलदेव तोमर का अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया है। दुसरे दिन बलदेव तोमर का रोनहाट पहुंचने पर हाटी समुदाय के लोगों ने जोरदार स्वागत किया।
आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में रोनहाट में जनसभा को संबोधित करते हुए खाद्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर ने कहा कि गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करना बहुत कठिन काम था हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते थे की इतना बड़ा काम होगा लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाटी समुदाय के लाखों लोगों की यह पीढ़ा समझी और 55 साल के बाद हाटी समुदाय को जनजातीय घोषित घोषित करवाया।
बलदेव तोमर ने कहा कि इस से पहले भी प्रदेश और केंद्र में कांग्रेस की सरकारें रही लेकिन कांग्रेस ने हाटी समुदाय की भोलीभाली जनता को खाली वोटबैंक के लिए इस्तेमाल किया व लोगों को ठगते रहे। उन्होंने कहा कि शिलाई में हाटी समुदाय ने एक महा खुमली का आयोजन किया तथा उस खुमली में कांग्रेस के नेताओं ने बड़ी बड़ी बाते की। लेकिन उसके बाद हाटी मुद्दे का हल देख हाटी खुमली से कांग्रेस नेताओं ने दूरी बनाकर दलित समुदाय के लोगों को भड़काने का काम किया।
बलदेव तोमर ने कहा कि शिलाई में 60 साल तक एक ही परिवार ने राज किया लेकिन उन्होंने क्षेत्र को हमेशा पिछड़ा रखा। उन्होंने कहा कि अगर जौनसार बावर के साथ हमारे गिरिपार क्षेत्र को भी जनजातीय घोषित करवा देते तो हमारे क्षेत्र से सैकड़ों युवा उच्च पदों पर होते।
लेकिन कांग्रेस हमारे क्षेत्र को विकसित नहीं देख सकते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गिरिपार क्षेत्र का मामा बनकर हमारी यह मांग पूरी करवाई मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपना वादा पूरा कर दिया है अब ऋण चुकाने का समय आ गया है। इस लिए आने वाले विधानसभा चुनाव में पांचों की पांचों सीटे जीतकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के झोली में डालना है। इस बार हाटी के नाम पर वोट करने का समय आ गया है।
इस मौके पर केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डॉक्टर अमिचंद कमल, महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री, अतर नेगी, रणसिंह चौहान, सुनिता तोमर, शिलाई पंचायत प्रधान शीला देवी, गीता तोमर, रेखा तोमर, सत्या तोमर, द्रोपदी शर्मा, गंगा सिंह सिंघटा, दोलत राम, सुरेंद्र राणा, गितेश पराशर आदि मौजूद थे।