फ़ूड लाइसेंस की आड़ में दवाईया बनाने वाली फर्जी कंपनी सीज

हिमाचल प्रदेश के बद्दी में नकली दवाइयां बनाने और बेचने वाली एक फर्जी फार्मा कंपनी को ड्रग कंट्रोलर विभाग ने सील कर दिया है। विभाग ने दवाइयों से भरी एक गाड़ी और कंपनी में मिली नकली दवाइयां कब्जे में ली हैं। कोर्ट में प्रबंधक के खिलाफ मामला देने के बाद पुलिस ने आर्य फार्मा कंपनी पर कॉपी राइट एक्ट के तहत केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

मामला सामने आते ही पंजाब के लुधियाना का रहने वाला कंपनी प्रबंधक गौरव पंचाल फरार हो गया है। राज्य ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाह ने बताया कि बद्दी की थाना पंचायत के धर्मपुर गांव में कंपनी के पास खाद्य उत्पाद बनाने का लाइसेंस था।

ड्रग कंट्रोलर विभाग को वहां नकली दवाइयां तैयार करने और उन्हें बेचने का शक था। विभाग ने रेकी के लिए एक टीम बनाई। कंपनी की गतिविधियों पर नजर रखी गई। वीरवार को कंपनी से एक गाड़ी निकली। टीम ने इसका पीछा किया और बरोटीवाला में उसे रोक लिया।

गाड़ी में दवाइयां निकली, जो कि पार्क फार्मा कंपनी के नाम से थीं। चालक से पूछताछ की गई तो वह बताने में असफल रहा। ड्रग विभाग की दूसरी टीम ने कंपनी में दबिश दी। कंपनी में  दबिश दी तो वहां पर भी तीन फार्मा कंपनियों मेकलोयड, एलबी साईफ साइंस और पार्क फार्मा के नाम से तैयार की गईं दवाइयां बरामद हुईं।

कंपनी प्रबंधक के पास दवाइयां बनाने का लाइसेंस नहीं था। कंपनी के पास खाद्य उत्पाद तैयार करने का लाइसेंस था, लेकिन वह फर्जी तरीके से दूसरी तीन कंपनियों के नाम से नकली दवाइयां बना रहा था। राज्य ड्रग कंट्रोलर ने बताया कि कंपनी प्रबंधक को जांच में शामिल होने के लिए सूचना दे दी गई है।

अगर वह जांच में शामिल नहीं होता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जांच टीम ने कंपनी को सील कर और गाड़ी और दवाइयों को कब्जे में ले लिया है। मामले की सूचना कोर्ट को भी दे दी गई है। उधर, डीएसपी नवदीप सिंह ने बताया कि पुलिस ने नकली दवाइयां बनाने पर फर्जी फार्मा कंपनी के खिलाफ कॉपी राइट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

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